Bihar Dairy Farm Yojana 2024
बिहार राज्य सरकार ने अपने राज्य में पशुपालन का व्यापार करने वाले लोगों के लिए डेयरी बिहार फार्म योजना का शुभारंभ किया है। इस लाभकारी योजना के अंतर्गत बिहार राज्य में पशुपालन का काम करने वाले लोगों को अपने दूध दही आदि को बेचने के लिए शहर जाने की आवश्यकता नहीं होगी क्योंकि वहां पर एक बड़े पैमाने पर सरकार डेयरी फार्मिंग केंद्र खोलेगी, जिसके जरिए लोगों को अपनी दूध दही आदि को बेचने के लिए केवल इस केंद्र पर जाना होगा। आज हम आप सभी लोगों को बिहार राज्य सरकार की इसी योजना के बारे में विस्तार से बताने वाले हैं, कि आपको किस प्रकार से इस योजना का लाभ मिलेगा और सरकार को भी कैसे फायदा होगा।
Bihar Dairy Farm Yojana 2024 Overview
योजना का नाम | बिहार डेयरी फार्म योजना |
संबंधित विभाग | गव्य विकास निदेशालय बिहार |
शुरू की गई | बिहार सरकार द्वारा |
लाभार्थी | बिहार राज्य के पशुपालन का काम करने वाले भाई बहन |
उद्देश्य | डेयरी का काम करने वाले लोगों को आर्थिक सपोर्ट करना |
योजना का कुल बजट | 27.65 अरब |
आधिकारिक वेबसाइट | http://bocw.bihar.gov.in/ |
डेयरी फार्मिंग योजना क्या है
बिहार राज्य सरकार ने डेयरी उद्योग को सशक्त बनाने के लिए 27 अरब 65 करोड़ 76 लाख रुपये का अनुदान देने का निर्णय लिया है। इस योजना के तहत राज्य के प्रत्येक गांव में नए डेयरी फार्म और दूध संग्रह केंद्र खोले जाएंगे। अनुदान राशि का उपयोग नए डेयरी फार्म स्थापित करने, पशु पोषण, दूध विपणन, और दूध प्रसंस्करण इकाइयों के लिए किया जाएगा।
यह योजना चौथी कृषि सड़क के अंतर्गत प्रस्तावित की गई है। योजना की मंजूरी के बाद जिलावार लक्ष्य निर्धारित कर आवंटन किया जाएगा। पूरे बिहार में डेयरी फार्म स्थापित करने पर कुल 19 अरब 98 करोड़ 36 लाख रुपये का खर्च अनुमानित है, जिसमें से 8 अरब 82 करोड़ 98 लाख रुपये का अनुदान सरकार द्वारा प्रदान किया जाएगा। इस अनुदान राशि से प्रशिक्षण कार्यक्रम भी चलाए जाएंगे।
वर्तमान स्थिति में दूध उत्पादन के दृष्टिकोण से बिहार
बिहार डेयरी फार्म योजना 2024: दूध उत्पादन के मामले में बिहार देश में आठवें स्थान पर है। बिहार में प्रति व्यक्ति दूध की उपलब्धता 400 ग्राम है, जो राष्ट्रीय औसत से केवल 44 ग्राम कम है। हालांकि, दूध उत्पादन में बिहार राष्ट्रीय औसत से आगे है। राष्ट्रीय औसत 5.29 लाख लीटर प्रतिदिन है, जबकि बिहार का औसत 7.3 लाख लीटर प्रतिदिन है।
बिहार राज्य में दूध प्रसंस्करण इकाई खोलने में सरकार का कुल खर्च
दूध प्रसंस्करण इकाई के लिए चार अरब, 19 करोड़ 80 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे। यह पूरी राशि सरकार द्वारा प्रदान की जाएगी। दूध विपणन पर कुल पांच अरब 87 करोड़ 60 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे, जिसमें से चार अरब 95 करोड़ 73 लाख रुपये सरकार द्वारा अनुदान के रूप में दिए जाएंगे। पशुओं के पोषण पर दो अरब 60 करोड़ पांच लाख रुपये खर्च का अनुमान है, जिसमें से एक अरब 71 करोड़ 65 लाख रुपये सरकार द्वारा अनुदान के रूप में दिए जाएंगे।
बिहार में कुल टूथ कलेक्शन सेंटर खोलने में कुल खर्च
इस योजना के तहत, दूध कलेक्शन सेंटर बनाने का अनुमानित खर्च लगभग 858 करोड़ रुपये है। इसमें से सरकार की ओर से 798.6 करोड़ रुपये का अनुदान प्रदान किया जाएगा। इस योजना का उद्देश्य दूध संग्रहण की सुविधा को बढ़ाना है, जिससे अधिक से अधिक पशुपालकों से दूध खरीदा जा सके।
दूध प्रसंस्करण इकाई और दूध कलेक्शन खुलने से पशुपालकों का लाभ
चलिए अब हम आप सभी लोगों को दूध परम संस्करण इकाई और दूध कलेक्शन सेंटर खुलने से पशुपालकों को क्या-क्या लाभ होने वाला है, इसके बारे में भी बता देते हैं और आप इसके लिए नीचे पॉइंट में दी गई जानकारी को ध्यान से पढ़ें।
- पशुपालकों को दूध दही बेचने के लिए शहर नहीं जाना होगा।
- डेयरी का काम होने से बिहार राज्य के ग्रामीण इलाकों में काफी विकास होगा और पशुपालन उद्योग में भी बढ़ोतरी होगी।
- दूध उत्पादन के श्रेणी में भी बिहार अब धीरे-धीरेदेश में नंबर वन बनने की कोशिश करेगा।
- दूध प्रसंस्करण इकाई और दूध कलेक्शन सेंटर खुलने से नए-नए स्वरोजगार भी बढ़ेंगे।
- इस योजना के माध्यम से लोगों को रोजगार भी मिल सकेगा।
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निष्कर्ष : Bihar Dairy Farm Yojana 2024
Bihar Dairy Farm Yojana 2024 के बारे में हमने लेख में विस्तार पूर्वक से जानकारी दी है और हमें उम्मीद है कि आपको इस योजना के बारे में जानकर के काफी अच्छा लगा होगा। बिहार राज्य सरकार कृषि के साथ-साथ पशुपालन के क्षेत्र में काम करने वाले लोगों को भी काफी आर्थिक रूप से मजबूत करने पर विचार कर रही है और इसी परिणाम स्वरूप बिहार में डेयरी फार्मिंग योजना का शुरूआत किया गया।
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