Makar Sankranti 2023
दोस्तों जैसे कि आप सब जानते है भारतवर्ष में वैसे तो बहुत से त्यौहार मनाए जाते है। जिनका अपना एक विशेष महत्व होता है। तो आज हम बात करेंगे हिंदू धर्म से संबंधित त्यौहारों की जिसे भारतवर्ष में सभी सनातनी धर्म श्रद्धा पूर्वक मनाते हैं। जैसे कि दिवाली का त्यौहार होता है। होली का त्यौहार होता है। छठ पूजा के त्यौहार से लेकर सावन महीने में शिव महादेव का त्यौहार होता है। इस प्रकार के बहुत से ऐसे त्यौहार है।
जो भारतवर्ष में बड़ी ही धूमधाम से मनाए जाते हैं। यह सब त्यौहार आपसी भाई-चारा और सहदेव सौंदर्य को निखार कर भारत की सुंदरता को प्रदर्शित करते हैं। उन्हीं में से एक त्यौहार “मकर सक्रांति” का है। तो आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से मकर सक्रांति के बारे में संक्षेप में वर्णन करेंगे। मकर संक्रांति क्या होती है? मकर सक्रांति का 2023 में शुभ मुहूर्त कब है? Makar Sankranti किस तारीख को 2023 में आएगी? मकर सक्रांति पूजा की विधि क्या है? आज हम आपने इस आर्टिकल में इन सभी का संक्षिप्त वर्णन करने जा रहे हैं। आप इस आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़ें।
मकर सक्रांति क्या होती है?
दोस्तों सनातन धर्म में जितने भी पर्व मनाए जाते हैं। उन सब पर्वों का अपना एक खास महत्व होता है। जिनको लेकर लोग उन पर्वों को खास दिवस में आकर मनाते हैं। मकर सक्रांति भी हिंदू धर्म का एक विशिष्ट पर्व माना जाता है। दोस्तों जैसे कि आप सब जानते ही होंगे कि सक्रांति एक साल में 12 बार आती है। प्रत्येक सक्रांति का हर महीने एक विशिष्ट मतलब होता है। क्योंकि सक्रांति के चलते ही सूर्य और चंद्र राशियों में प्रवेश करते हैं और बाहर निकलते हैं। इन सब की दिशाओं के लिए सक्रांति को एक खास दिवस माना जाता है। इस सारे चक्कर को भी हम मकर सक्रांति या सक्रांति कहकर पुकार लेते हैं।
Makar Sankranti का एक खास पर्व होता है जो हर साल एक खास दिवस को आकर मनाया जाता है। जिस दिन सूर्य खास राशियों में आकर बैठ जाता है। यह पर्व प्रत्येक वर्ष माघ मास के महीने की खास तिथियों में आकर मनाया जाता है। तो साल 2023 में जनवरी की 14 तारीख को मकर सक्रांति का पर्व आ रहा है। जिसे पूरे भारतवर्ष में सनातनी धर्म से संबंध रखने वाले लोग बहुत ही हर्ष और उल्लास से मनाते हैं।
इस दिन वह सब लोग खास चुनिंदा जगहों पर जाकर स्नान करते हैं। सूर्य को नमस्कार करते हैं और अपनी इच्छा अनुसार दान पुण्य का कार्य भी करते हैं। जिससे वह अपने आने वाले भविष्य में एक संतुष्टि का अनुभव करते हैं। इस Makar Sankranti के त्यौहार का महत्व प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में बहुत ही लाभदायक और फलदायक होता है। वह सभी लोग बहुत ही श्रद्धा और निष्ठावान तरीके से मकर सक्रांति के पर्व पर विधि पूर्वक सूर्य देव की आराधना करते हैं। तो इस प्रकार हम मकर संक्रांति का त्यौहार मनाते हैं।
मकर सक्रांति 2023 में कब है?
दोस्तों जैसे कि हम सब यह तो जानते हैं कि स्नातन धर्म में हर पर्व और किसी भी विशेष शगुन को मनाने का एक शुभ मुहूर्त होता है। यह मुहूर्त प्राचीन काल से चले आ रहे शास्त्रों के अनुसार निकाला जाता है। उस दिन के खास मुहूर्त में ही हम कोई भी शुभ काम विधि पूर्वक करते हैं। उसी तरह से Makar Sankranti का मुहूर्त भी ज्ञानी पंडितों और शास्त्रों के अनुसार निकाला जाता है कि Makar Sankranti कब मनाई जाए। तो साल 2023 में मकर सक्रांति14 जनवरी 2023 के दिन रात के समय काल 8:21 मिनट में शुरू होगा और अगले दिन 15 जनवरी 2022 समय काल तक यह शुभ मुहूर्त रहेगा।
इसी को देखते हुए सनातन धर्म शास्त्रों के अनुसार 15 तारीख जनवरी के महीना साल 2023 में मकर सक्रांति का पर्व मनाया जाएगा।
मकर सक्रांति का शुभ मुहूर्त 2023 में कब है?
दोस्तों शास्त्रों के अनुसार Makar Sankranti का शुभ मुहूर्त साल 2023 में 14 और 15 जनवरी के दिन शाम काल से प्रातः काल में है। मकर सक्रांति के शुभ मुहूर्त निम्नलिखित इस प्रकार है।
- Makar Sankranti का शुभ मुहूर्त 14 और 15 जनवरी के दिन समय पुण्य काल या कहे प्रातः काल 7 बजकर 15 मिनट पर शुरू होकर 12 बजकर 30 मिनट तक रहेगा। इस अंतराल में मकर सक्रांति का पुण्य काल का समय 5 घंटे 14 मिनट तक चलेगा। जिसमें आप Makar Sankranti पर्व को शुभ मुहूर्त के अनुसार मना सकते हैं।
- मकर सक्रांति के महा पुण्य अर्थात महा पुण्य काल मुहूर्त की बात करे तो 7 बजकर 15 मिनट 13 सेकंड से लेकर 9 बजकर 15 मिनट 13 सेकंड तक महा पुण्य काल चलेगा। इस महा पुण्य काल की अवधि लगभग 2 घंटे तक रहेगी।
- आप सब इसी शुभ मुहूर्त पर Makar Sankranti का त्यौहार मना सकते हैं और अपने आपको स्नान करके विधि पूर्वक सूर्य देव की आराधना कर सकते हैं।
Makar Sankranti 2023 : कब है सही तारीख जाने
Makar Sankranti के पर्व को मनाने की सही तारीख साल 2023 में माघ मास के 15 जनवरी 2023 को है। जिस दिन मकर सक्रांति का पर्व पूरे भारतवर्ष में मनाया जाएगा।
Makar Sankranti 2023 का महत्व क्या होता है?
दोस्तों मकर सक्रांति के पर्व को पूरे भारतवर्ष के हर राज्य के लोग इस पर्व को बड़े ही धूमधाम से अलग-अलग तरीके से मनाया करते है। जिसमें प्रत्येक सनातनी धर्म वाला व्यक्ति मकर सक्रांति के पर्व को अपने रीति रिवाज के अनुसार मनाता है। मकर सक्रांति के दिन जब सूर्य देव धनु राशि से निकलकर मकर राशि में विराजमान होते है इस चक्र के दौरान सूर्य उत्तरायणी गति शुरू होती है। यह सब प्रक्रिया मकर सक्रांति के दिन होती है। इसीलिए हम मकर सक्रांति को एक दूसरे नाम से भी कह कर पुकारते हैं जिसका नाम उत्तरायणी पर्व है।
Makar Sankranti 2023 :- जैसे कि आप सब जानते हैं कि शनि देव जी मकर सक्रांति के गुरु है। जब सूर्य देव मकर राशि में विराजमान होते है। उस दिन सभी लोग जप-तप पाठ-पूजा इत्यादि आदि की प्रक्रिया शुरू करते हैं। जिसका अपने आप में एक विशेष महत्व होता है। इसी तरह दूसरे प्रांतों के लोग भी मकर सक्रांति के पर्व को फसल पर्व के नाम से मनाते हैं। वैज्ञानिकों के शोध के अनुसार माने तो सूर्य की किरणें जब पृथ्वी पर सीधे रूप से पड़ती है जिससे दिन छोटा और रात लंबी होती है।
लेकिन जब मकर सक्रांति का पर्व नजदीक आने लगता है। उस समय सूर्य की किरणें पृथ्वी पर तिरछी पड़ती है और जिससे दिन बडे और रात्रि छोटी होनी शुरू हो जाती है। यह सब चक्र से एक ऋतु वर्ष में परिवर्तन होता है। जोकि फसलों के लिए एक अच्छी योजनाबद्ध प्रक्रिया होती है। इसी के अनुसार कुछ प्रांत के लोग मकर संक्रांति के पर्व को फसल पर्व के रूप में भी मनाते हैं।
इस पर्व को मनाने का महत्त्व अर्थात कथाएं भी है। जिनका उल्लेख हम नीचे विस्तार पूर्वक करेंगे। मकर सक्रांति के पर्व पर भगवान विष्णु और लक्ष्मी माता की भी पूजा करने का अनुसरण शास्त्रों के अनुसार बताया गया है। कुछ ऐसी कथाएं हैं जो प्राचीन काल से चली आ रही है। जिसके चलते मकर सक्रांति को मनाने का महत्व ओर भी बढ़ जाता है। जिसके बारे में हमने निचे विस्तार से समझाने की कोशिश की है। वह कथाएं इस प्रकार है।
Makar Sankranti 2023 का कथा
1 – सूर्य देव और शानि देव का मिलाप की कथा
दोस्तों प्राचीन काल की कथाओं से आधारित ग्रंथों में भी लिखित आलेख प्रस्तुत है कि मकर सक्रांति के दिन भगवान सूर्य देव जो कि भगवान शनि देव के पिता है। वह मकर सक्रांति के दिन अपने पुत्र शनि देव से आकर मिलाप करते हैं। इस महत्त्व के कारण मकर सक्रांति का पर्व का विशेष महत्व बन जाता है। क्योंकि जैसे कि आप जानते हैं शनि देव मकर राशि के घर का स्वामी है।
2 – महाभारत कथा
दोस्तों महाभारत युद्ध के दौरान जब भीष्म पितामह को धनुष की सैया पर लेटाया गया था अर्थात अर्जुन के द्वारा जब भीष्म पितामह को बानो से घायल कर दिया गया था। तब भीष्म पितामह बानो की बनी खाट पर लेट गए थे। लेकिन उन्होंने अपने शरीर का त्याग नहीं किया था। क्योंकि उस समय सूर्य काल का समय दक्षिणायन में चल रहा था। उनको भलीभांति स्मरण था कि इस काल में अगर वह देय का त्याग करेंगे तो उन्हें फिर से पृथ्वी पर जन्म लेना पड़ेगा। इसलिए उन्होंने अपने देश त्याग का समय सूर्य उत्तरायण काल का चुना। जिसे हम मकर सक्रांति कहते हैं। इस दृष्टि से भी मकर सक्रांति पर्व का महत्व बढ़ जाता है।
3 – गंगा स्नान कथा
दोस्तों पौराणिक ग्रंथों में यह संक्षिप्त वर्णन किया गया है कि जब गंगा मैया को भागीरथी जी अपने साथ इस धरती पर लाए थे। उस दिन मकर सक्रांति का दिवस था। इसीलिए मकर संक्रांति के दिन स्नान करने का एक विशेष महत्व माना जाता है। इसीलिए अधिकतर लोग मकर सक्रांति के दिन गंगा घाट पर जाकर स्नान करते हैं।
4 – व्रत कथा
दोस्तों द्वापर युग में जब माता यशोदा ने संतान प्राप्ति के लिए भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए व्रत धारण किया था। जिससे उन्हें भगवान श्री कृष्ण जैसा सर्वगुण संपन्न पुत्र की प्राप्ति हुई। यह सब मकर सक्रांति का ही दिन था। जिस दिन यशोदा मैया ने व्रत रखा था। इस व्रत में तिल गुड का भोग भगवान विष्णु को लगाया जाता है। इसीलिए कुछ प्रांतों में मकर सक्रांति के दिन महिलाएं भावपूर्ण से व्रत को रखती हैं और संतान प्राप्ति के लिए भगवान विष्णु का स्मरण करते हैं। इस नजरिए से भी मकर सक्रांति पर्व का महत्व बढ़ जाता है।
मकर सक्रांति पर्व पर पूजा विधि का उल्लेख
दोस्तों जैसे कि आप सब ने हमारे द्वारा लिखें गए ऊपर आर्टिकल में पढ़ लिया होगा कि मकर सक्रांति के दिन पूरे भारतवर्ष में इसे अलग-अलग तरीके से मनाया जाता है तो मकर सक्रांति पर्व को मनाने की पूजा पद्धति भी अनेक प्रकार की है। जिसके बारे में हमने निचे विस्तार से बताने की कोशिश की है।
- सबसे पहले आपको Makar Sankranti के दिन सुबह उठकर स्नान करके नए-नए वस्त्रों को धारण कर लेना है।
- फिर एक तांबे का कलश लेना है। उस तांबे के कलश में कुछ पुष्प डाल लेने हैं। (यह पुष्प अगर आप लाल रंग का रखेंगे तो अच्छा है अगर नहीं मिलता तो आप किसी भी रंग के पुष्प का इस्तेमाल कर सकते हैं)
- तांबे के उस कलश में थोड़े से चावल के दाने डाल लेना है।
- फिर अपनी थाली में दीपक जलाकर तांबे के कलश को रखकर सूर्य देव की ओर मुख करके सूर्य देव को जल अर्पण करना है और दीपक वाली थाली से सूर्य देव की आरती उतारनी है।
- जल अर्पण करते समय और आरती उतारते समय आपको आदित्यह्रदय स्त्रोत का पाठ उच्चारण करना है।
- इस तरह जिन लोगों की कुंडली में सूर्य से संबंधित कोई दोष है। उन साबिही लोगों को जल अर्पण करते समय और आरती करते समय सूर्य देव के बीज मंत्र का उच्चारण करना होगा।
- सूर्य देव का पूजन करने के उपरांत आपको अपनी इच्छा अनुसार दान पुण्य कर लेना है। इस तरह विधिपूर्वक सूर्य देव की आराधना करने पर आपको सूर्य देव का आशीर्वाद प्राप्त हो जाता है।
मकर सक्रांति के दिन खाद्य सामग्री और क्रियाकलाप
Makar Sankranti का पर्व भारतवर्ष में बड़े ही हर्षोल्लास से मनाया जाता है। इस दिन का अपने आप में विशेष महत्व होता है। जिसका वर्णन हम ऊपर लिखे आर्टिकल में कर चुके हैं। लेकिन कुछ खास खाद्य वस्तुएं होती है। जो इस दिन बनाई जाती है। जैसे कि तिल के लड्डू, खिचड़ी, मूंगफली और कुछ मिष्ठान इत्यादि प्रकार के खाद्य सामग्री को विशेष रूप से मकर संक्रांति के दिन ही बनाया जाता है।
- पंजाब प्रांत की बात करें तो Makar Sankranti के दिन पंजाब प्रांत में बैसाखी का पर्व मनाया जाता है। इस पर्व को गुरु गोविंद सिंह जी के जन्म से जोड़कर देखा जाता है।
- गुजरात राज्य में मकर सक्रांति के दिन पतंगबाजी का जशन बड़े ही जोरो शोरों से मनाया जाता है।
- बिहार राज्य के लोग मकर सक्रांति के दिन खिचड़ी खाने को महत्वपूर्ण मानते है।
- हिमाचल प्रदेश में Makar Sankranti के पर्व को लोहड़ी पर्व से जोड़कर भी मनाया जाता है। इस दिन मूंगफली और रेवड़ी खाने को महत्वपूर्ण माना जाता है।
- इस तरह मकर सक्रांति के दिन मकर सक्रांति का त्यौहार बड़े ही धूमधाम से पूरे भारतवर्ष में या कहें भारतवर्ष के बाहर भी लोग अपने रीति-रिवाजों के अनुसार मनाते हैं।
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निष्कर्ष : Makar Sankranti 2023
हमने अपने आज के इस महत्वपूर्ण लेख के माध्यम से आप सभी लोगों को Makar Sankranti 2023 के बारे में कंप्लीट जानकारी प्रदान की है और हमें उम्मीद है कि लेख में हमने जो भी जानकारी आपको दी है वह सभी जानकारी आपके लिए काफी ज्यादा यूज़फुल और हेल्पफुल साबित हुई होगी। यदि आपको जानकारी पसंद आए तो आप इसे सोशल मीडिया पर शेयर करना ना भूले और किसी भी प्रकार की अतिरिक्त जानकारी के लिए नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स का भी इस्तेमाल अवश्य करें।