यदि आप सभी लोग नवरात्रि का त्योहार बहुत ही धूमधाम से मानते हो तो आप इस त्यौहार का बेसब्री से इंतजार कर रहे होंगे क्योंकि नवरात्रि का त्यौहार भारत के हर एक इलाके में मनाया जाता है इसीलिए यह त्योहार हमारे पूरे देश में बहुत ही ज्यादा प्रसिद्ध है यदि आप सभी लोग यह सोच रहे हो कि इस वर्ष Navratri Kab Hai तो ऐसे में हम आप सभी लोगों को इस विषय पर पूरी जानकारी नीचे देने वाले हैं ऐसे में आप सभी लोग हमारे इस महत्वपूर्ण लेखक को अंत तक अवश्य पड़े ताकि आप सभी लोगों को हमारे द्वारा दी गई जानकारी समझ में आ सके।
Navratri Kab Hai संक्षिप्त जानकारी
हिन्दू धर्म में शारदीय नवरात्रि एक खास महत्व रखती है। यह पर्व आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शुरू होता है और इस बार यह शुभ त्योहार अक्टूबर में पढ़ रही है जो कि वह दिन रविवार पढ़ रहा है शारदीय नवरात्रि के पहले दिन, हम मां दुर्गा की नौ रूपों की पूजा अर्चना करते हैं और नौ दिनों तक व्रत रखते हैं, जिसकी शुरुआत कलश स्थापना के बाद होती है। कुछ लोग नवरात्रि की प्रतिपदा और अष्टमी तिथि का व्रत रखते हैं
कुछ पूरे नौ दिनों तक व्रत रखते हैं। इस पूजा के दौरान हम मां दुर्गा का स्नान, पूजा, और आरती करते हैं। नवरात्रि के दसवें दिन, हम विजयादशमी का पर्व मनाते हैं, जिसे दशहरा के नाम से भी जाना जाता है।
इस महत्वपूर्ण पर्व का मुख्य उद्देश्य मां दुर्गा की पूजा और मानना है, जो शक्ति और साहस का प्रतीक हैं। नवरात्रि के दौरान, लोग विशेष रूप से मां दुर्गा का आशीर्वाद मांगते हैं और अपने जीवन में नेगेटिविटी से निपटने की शक्ति प्राप्त करते हैं।
कलश स्थापना का मुहूर्त अत्यंत महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि इसके बाद से ही नवरात्रि का आयोजन शुरू होता है। लोग एक कलश में जल और विभिन्न पूजा सामग्री को रखते हैं, और इसके साथ ही मां दुर्गा की मूर्ति की स्थापना भी करते हैं। यह प्रारंभिक दिन पूजा अर्चना का आदर्श तैयार करता है, जिसे नवरात्रि के दौरान अनुसरण किया जाता है।
शारदीय नवरात्रि के इस पर्व के माध्यम से हम अपने आत्मा की शुद्धि का संकल्प लेते हैं और मां दुर्गा के आशीर्वाद से नई शक्ति और साहस प्राप्त करते हैं। यह एक धार्मिक और आध्यात्मिक उत्सव होता है, जो हमारे जीवन में पॉजिटिविटी और उत्तरदायित्व का संकेत देता है।
Navratri Kab Hai : महत्वपूर्ण तिथियां
2023 की शारदीय नवरात्रि की तिथियाँ
- 15 अक्टूबर 2023 – पहला दिन, मां शैलपुत्री, प्रतिपदा तिथि
- 16 अक्टूबर 2023 – दूसरा दिन, मां ब्रह्मचारिणी, द्वितीया तिथि
- 17 अक्टूबर 2023 – तीसरा दिन, मां चंद्रघंटा, तृतीया तिथि
- 18 अक्टूबर 2023 – चौथा दिन, मां कुष्मांडा, चतुर्थी तिथि
- 19 अक्टूबर 20235. – पांचवा दिन, मां स्कंदमाता, पंचमी तिथि
- 20 अक्टूबर 2023 – छठा दिन, मां कात्यायनी, षष्ठी तिथि
- 21 अक्टूबर 2023 – सातवां दिन, मां कालरात्रि, सप्तमी तिथि
- 22 अक्टूबर 2023 – आठवां दिन, मां महागौरी, दुर्गा अष्टमी
- 23 अक्टूबर 2023 – नौवां दिन, महानवमी, शरद नवरात्रि व्रत पारण
- 24 अक्टूबर 2023 – दशमी तिथि, मां दुर्गा प्रतिमा विसर्जन (दशहरा)
कृपया ध्यान दें- यदि आप इस नवरात्रि में पूजा करने का निश्चय कर रहे हैं, तो आपको इन तिथियों का पालन करना चाहिए। यह नवरात्रि धार्मिक महत्व की घटना है जब देवी दुर्गा की पूजा की जाती है और विशेषत: नौवां दिन, महानवमी, उपहारों और प्रेम से मनाया जाता है।
कलश स्थापना के नियम
ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि नवरात्रि में कलश स्थापना का बहुत महत्व होता है, जिसे घट स्थापना भी कहा जाता है। नवरात्रि की शुरुआत होती है और इसके साथ ही कलश स्थापना भी की जाती है। घट स्थापना करने से देवी शक्ति का आवाहन किया जाता है। यह माना जाता है कि गलत समय में घट स्थापना करने से देवी मां खुश नहीं हो सकती हैं।
रात के समय और अमावस्या के दिन घट स्थापित करने की अवश्यकता नहीं है। सबसे शुभ समय प्रतिपदा के एक तिहाई भाग बीत जाने के बाद होता है। अगर किसी कारणवश आप उस समय कलश स्थापित नहीं कर सकते हैं, तो अभिजीत मुहूर्त में भी यह कर सकते हैं। प्रत्येक दिन का आठवां मुहूर्त अभिजीत मुहूर्त कहलाता है, जो सामान्यतः 40 मिनट का होता है। यहां तक कि इस बार घट स्थापना के लिए अभिजीत मुहूर्त उपलब्ध नहीं होता है।
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निष्कर्ष
Navratri Kab Hai से संबंधित आप सभी लोगों ने बहुत कुछ जानकारी प्राप्त कर ली हैयदि आज का हमारा लेख आप सभी लोगों के लिए यूज़फुल साबित होता है तो इस लेखक को सोशल मीडिया के साथ-साथ ज्यादा से ज्यादा लोगों को शेयर करने का प्रयास करें ताकि उन लोगों को भी नवरात्रि कब है के बारे में जानकारी मिल सके और आप सभी लोगों को हमारे लेख से या फिर अन्य प्रकार की जानकारी पाने के लिए कमेंट बॉक्स में अवश्य बताएं।